Psychology Facts in hindi - साइकोलॉजी के रोचक तथ्य जानकर आप हैरान हो जाओगे।

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Psychology Facts in hindi - साइकोलॉजी के रोचक तथ्य जानकर आप हैरान हो जाओगे।

किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद भी उसका मस्तिष्क 7 मिनट तक सक्रिय रहता है। वह उस व्यक्ति की यादों को सपनों के ज़रिये दोबारा दिखता है।

सपने में मरने से पहले हमारी नींद खुल जाती है, क्योंकि दिमाग को नहीं पत्ता की मरने के बाद क्या होता है !

ह्यूमन सायकोलॉजी के अनुसार दिन में एक बार खुद से बात करें। नहीं तो आप दुनिया के एक बेहतरीन इंसान से मिलने से चूक सकते हैं।

ह्यूमन साइकोलॉजी के अनुसार हम किसी से जितना ज्यादा प्यार करते हैं, उसे उतनी ही आसानी से माफ़ कर देते हैं, चाहे गलती कैसी भी हो.

ह्यूमन साइकोलॉजी के अनुसार आपका खुश रहना और अच्छे से जीवन जीना आपके दुश्मनो के लिए बहुत नुकसानदेह (Harmful) हो सकता है।

ह्यूमन साइकोलॉजी के अनुसार हर किसी को खुश रखने की कोशिश करने वाले लोग अक्सर अकेलापन महसूस करते हैं।

ह्यूमन साइकोलॉजी के अनुसार रात में लिया गया निर्णय हमेशा सच होता है कभी रात में लिए गए निर्णय पर संदेह मत करना क्योंकि रात में हमारा दिमाग बहुत शांत होकर सोचता है।

ह्यूमन साइकोलॉजी के अनुसार कभी-कभी प्यार भी एक लत जैसा हो जाता है और लत आपको बर्बाद कर सकती है चाहे किसी की भी हो तो जल्दी से जल्दी इस लत से छुटकारा जरूर पा लें.

Facts About Body Language - शरीर की भाषा के बारे मे कुछ ऐसी रोचक बातें जिन्हे जानकार आप हैरान हो जायेंगे।

ह्यूमन साइकोलॉजी के अनुसार किसी से ADVICE मांगना उसको अपनी ओर आकर्षित करने और उन्हें अपने करीब लाने का एक बेहतरीन तरीका है।

ह्यूमन साइकोलॉजी के अनुसार जब किसी को पता चल जाता है कि हम उनके बिना नहीं रह सकते तब उनके भाव और भी ज्यादा बढ़ जाते है।

ह्यूमन साईकोलॉजी के अनुसार जब आप खुद से प्यार करने लगते हो मतलब अपने आप पर ध्यान देने लगते हो तो उस वक़्त आप और ज्यादा सुंदर, मजबूत और आत्मविश्वासी लगने लगते हो !

ह्यूमन साइकोलॉजी के अनुसार यदि आपको सोने के समय किसी व्यक्ति की बहुत याद आती है तो इसका मतलब है कि आप या तो उस व्यक्ति से बहुत अधिक प्रेम करते हैं यहां बहुत अधिक नफरत.

ह्यूमन साइकोलॉजी के अनुसार अपने सपने को हमेशा अपने मन में दोहराते रहना चाहिए, ऐसा करने से आपका दिमाग आपको वास्तव में उस सपने को हकीकत में बदलने के लिए प्रेरित करता है और आपको सक्षम (Able) बनाता है।

"साइकोलॉजी के अनुसार" अक्सर बातों बातों में जिनके आखों में आंसू आ जाते हैं, वह बहुत सच्चे और साफ दिल के होते हैं।

साइकोलॉजी के अनुसार- औरतों / लड़कियों के पैरों की पायल आस पास के वातावरण को सुखमय बनाती हैं, इनके आस पास कई निगेटिव शक्तियों का प्रभाव भी कम पड़ जाता है।

साइकोलॉजी के अनुसार अंधेरे में सोने वाले लोग काफी आत्मविश्वास होते हैं, इन्हें अपने काम से बहुत प्रेम होता है। इन्हें अपने काम में देरी बिलकुल पसंद नहीं।

साइकोलॉजी के अनुसार कोई इंसान झूठ बोल रहा है उसके सच का अंदाजा उसके हाथों को देखकर भी लगा सकते हैं अगर वो हाथों को हिलाते हुए बात करता है तो वास्तविकता में उसकी 90% बातें सही होती हैं।

साइकोलॉजी के अनुसार एक अध्ययन में पाया - गया की अपने पार्टनर के साथ मस्ती/मजाक करना आपके रिश्ते को मजबूत बनाता है।

यूमन साइकोलॉजी के अनुसार जो लोग रैप म्यूजिक या बहुत Energetic म्यूजिक सुनना पसंद करते हैं, वो अंदर से बहुत गुस्सैल, अपने काम को लेकर उत्तेजित और खुद पर ज्यादा विश्वाश करने वाले होते हैं।

साइकोलॉजी के अनुसार अगर कोई इंसान अपने अंदर किसी सिक्रेट को छुपाता है और हम अचानक उस इंसान से उसी सिक्रेट से संबंधित कोई बात कर लें तो वह इंसान हड़बड़ा जाता है।

साइकोलॉजी के अनुसार वास्तव में अगर आपको लगता है की जानबूझकर कोई आपको इग्नोर कर रहा है, तो आप उससे किसी बहाने से छोटी सी लड़ाई करके चुप चाप बस 2 दिन के लिए Msg/Call न करें, जहां मिलने की संभावना हो वहां से गायब हो जाएं, यही एकमात्र तरीका है खुद की वैल्यू पुनः उसकी नजर में लाने का।

साइकोलॉजी के अनुसार यदि आप पढ़ाई - करते वक्त खुद में आलस्य महसूस कर रहे हैं, तो आप फ्रेश होकर जूते पहनकर मेंज और कुर्सी के सेटअप पर पढ़ना शुरू कीजिए, आपको नींद और आलस्य बिलकुल नहीं आयेगा।

साइकोलॉजी के अनुसार पुरुषों में प्यार का भाव जल्दी प्रकट होता है,जबकि महिलाओं में प्यार जल्दी प्रकट नहीं होता है।

साइकोलॉजी के अनुसार आपके कपड़े पहनने का असर आपके Mood पर पड़ता है यदि आप अच्छे कपड़े पहनते हैं तो आपका Mood अच्छा रहता है।

साइकोलॉजी के अनुसार- जो व्यक्ति डांस करता है, अकेले में हो या पब्लिक के सामने वह इंसान आम इंसान से ज्यादा पॉजिटिव और अट्रेक्टिव होता है।

साइकोलॉजी के अनुसार- जो लोग अच्छी सलाह देते हैं, वे आमतौर पे सबसे अधिक समस्यायों से घिरे होते हैं।

साइकोलॉजी के अनुसार समस्या के दौरान एक दूसरे के बारे में बात करने से अच्छा है की एक दूसरे से बात की जाए, दोनो के बीच हुई समस्या समाप्त हो जायेगी।

साइकोलॉजी के अनुसार- जिनके दोस्त बहुत कम होते हैं उनका आत्म विश्वास बहुत ज्यादा होता है, ऐसा इसलिए हो पाता है क्योंकि उन्हे सहारा देने के लिए कोई नहीं होता है और वो अकेले ही दुनिया जीतने की कोशिश करते हैं।

साइकोलॉजी के अनुसार जब इंसान के पास पैसे की कमी होती है तो उसके पास ऐसे काम और भी आ जाते हैं जिसमे पैसों की सख्त जरूरत होती है। ऐसे में इंसान अपनी समस्यों में ही दबा रह जाता है।

साइकोलॉजी के अनुसार जो लोग किसी तरह को गलती के लिए दूसरों को दोषी मानते हैं, वह सबसे ज्यादा गैर जिम्मेदार व्यक्ति होते हैं।

ह्यूमन साइकोलॉजी के अनुसार जो लोग अपनी ड्रीम लाइफ अपनी आखों के सामने किसी दीवार पर टांग कर रखते हैं उनके वो सपने एक दिन पूरे हो जाते हैं क्योंकि उसे बार बार पढ़ने की वजह से हमारा अवचेतन मन उन बातों पर यकीन कर वही परिणाम देने लगता है।

साइकोलॉजी के अनुसार अपना मोबाइल खो देने वाले व्यक्ति को ठीक वैसी घबराहट महसूस होती है, जो मौत के नजदीक होने पर होती है।

साइकोलॉजी के अनुसार अगर आप बहुत बार किसी चीज से Hurt हुए हो और उसके बाद भी आप मुस्कुराते हो तो वास्तव में आपसे ज्यादा कोई मजबूत नहीं।

यदि आप किसी से बात कर रहें हों और वह इंसान अपना सिर नीचे झुकाए आपकी बात सुन रहा है, तो समझ जाएं कि उसे आपकी बातों में कोई रुचि नहीं है वह इसलिए चुपचाप सुन रहा है, ताकि आपको बुरा न लग जाए।

साइकोलॉजी के अनुसार जब आपके सबसे अच्छे दोस्त की जिंदगी में कोई नया इंसान आता है, तो आपकी वैल्यू कम हो जाती है।

साइकोलॉजी के अनुसार जब आप अपना ख्याल रखना शुरू करते हैं, तो आप बेहतर महसूस करने लगते हैं, आप बेहतर दिखने लगते हैं, और आप आकर्षक होने लगते, लोग खुद ब खुद आपसे अट्रैक्ट होने लगते हैं, यह सब मात्र आपसे शुरू होता है।

साइकोलॉजी के अनुसार आप जब किसी विचार को लेकर दुखी होते हैं तो आपकी आंखों के अंदर अपने आप आंसू निकलने लग जाते हैं। और जब आप कुछ देर रो लेते हैं तो आपका मूड एकदम से फ्रेस हो जाता है। अब आप पहले की तुलना में अच्छा महसूस करते है।

साइकोलॉजी के अनुसार कम बोलने वाले और सिर्फ मुद्दे की बात बोलने वाले व्यक्ति अपने राज छिपाने में माहिर होते हैं।

साइकोलॉजी के अनुसार रात 2:30 एक ऐसा समय होता है जब इंसान की तेत्रमश सुरेखा सबसे ज्यादा एक्टिव होती है उस समय हम किसी को याद करते हैं तो, वह भी हमें महसूस कर सकता है।





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